बिजली निगम के ऑपरेटरों ने काम किया ठप, बिल जमा करने को भटके उपभोक्ता
सात महीने से मानदेय नहीं मिलने से आक्रोशित बिजली निगम के बिल संग्रह केन्द्रों के ऑपरेटर सोमवार को कार्यबहिष्कार पर रहे। उनके आन्दोलन के कारण शहर के सभी 28 काउण्टरों पर कामकाज ठप रहा।
बिल जमा करने आए सैकड़ों उपभोक्ता निराश होकर वापस लौट गए। कर्मचारियों ने एसई से मिलकर हरिओम इन्टरप्राइजेज पर आरोप लगाया कि ठेकेदार ने सात माह से एक रुपये की मानदेय नहीं दिया है।
ठेकेदार ईपीएफ, बीमा व ईएसआई की सुविधा भी नहीं देता है। एसई ने उन्हें जल्द ही भुगतान कराने का आश्वासन देकर वापस लौटाया। ऑपरेटरों ने मंगलवार को भी कार्यबहिष्कार करने की घोषणा की।
महानगरीय विद्युत वितरण मंडलों के विभिन्न खण्डों में 28 बिल संग्रह केन्द्र हैं। इन सभी पर 28 कम्यूटर ऑपरेटर हरिओम इण्टरप्राइजेज के माध्यम से रखे गए है। कम्प्यूटर आपरेटरों का आरोप है कि फर्म ने सात माह से एक रुपये भी मानदेय नहीं दिया है। ऐसे में घर खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। अफसरों को कई बार पत्र देने के बाद भी अबतक भुगतान की व्यवस्था नहीं बनी। ठेकेदार ने अबतक किसी भी कर्मचारी को ईपीएफ, बीमा व ईएसआई की सुविधा नहीं दी है। ऐसे में हम कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाए भी नहीं मिल रही है। अफसरों का भी इस तरफ ध्यान नहीं है।
काम लेना जानते हैं अफसर विद्युत पंचायत मित्र संगठन के क्षेत्रीय सचिव संदीप श्रीवास्तव ने कहा कि अधिकारी काउण्टर कर्मचारियों से सिर्फ काम लेना जानते हैं। एग्रीमेंट के मुताबिक कर्मचारियों को समय से मानदेय देने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। चारों खण्डों के एक्सईएन कर्मचारियों का शोषण कर रहे है। बिना मानदेय के काम करा रहे है। इसके विरुद्व जल्द ही बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। कार्य बहिष्कार में मनोज कुमार, फैयाज शब्बर, रविश कुमार, उमेश प्रसाद, आरके श्रीवास्तव, सुनील कुमार, समेत कई कर्मचारी शामिल रहे।